नाज़-नख़रों में पली रूपकँवर

नाज़-नख़रों में पली रूपकँवर हो गई जलकर सती रूपकँवर   प्रश्न हमसे पूछती है लाखों राख की ढेरी बनी रूपकँवर   अंधविश्वासों के गाँव में सदा इक न इक जलती रही रूपकँवर   हम भी हत्यारों में शामिल हैं कहीं कुछ हमारी भी तो थी रूपकँवर   आप जागेंगे कि जब जल मरेगी आपकी अपनी … Continue reading नाज़-नख़रों में पली रूपकँवर